गर्भधारण के लिए ये हैं महत्वपूर्ण अंग

शरीर के प्रत्येक अंग का अपना कार्य और विशेष बनावट होती है जिसकी वजह सें उस अंग की पहचान और महत्व होता है। महिलाओं के शरीर में भी कई महत्वपूर्ण अंग होते हैं जो गर्भ धारण करने की प्रक्रिया में भाग लेते हैं लेकिन उनमें से योनि (वैजिना) एक ऎसा अंग है जो किसी स्त्री के भीतरी यौनांग को गर्भाशय से जोडता है।
योनि का निर्माण
योनि मांसपेशी से बनी होती है, जिसके चारों ओर श्लेष्मा की परत होती है। श्लेष्मा की परत होने के कारण इसमें नमी पैदा होता हैा यह नमी संभोग के दौरान चिकनाई का काम करती है, जिससे संभोग अधिक आनंददायक और आरामदायक बन जाता है। इस गीलेपन के कारण महिला हल्के-फुल्के संक्रमण से भी बच जाती है। संभोग के लिए जब स्त्री की इच्छा नहीं होती है तो वेजाइना गीली नहीं होती है। इस कारण वह अंदर से रूखा ही रहता है। रूखेपन की वजह से पुरूष लिंग के प्रवेश के समय स्त्री को दर्द का एहसास होता है। विशेषज्ञ ऎसी स्थिति में योनि में पेट्रोलियम जेली, बेली ऑयल आदि तरल पदार्थ लगाकर संभोग की सलाह देते हैं। इससे योनि के अंदर कृत्रिम गीलापन बन जाता है।
योनि के कार्य
संभोग के समय योनि से ही पुरूष लिंग प्रवेश करता है, पीरियड के समय योनि से ही रक्तस्त्राव होता है और प्रसव के दौरान बच्चा भी यहीं से बाहर निकलता है।
यौन सुख में योनि का महत्व
यौन रूप से उत्तेजित होते ही किसी लडकी या महिला की योनि में गीलापन आ जाता है। यही नहीं, उत्तेजित होते ही योनि को लिंग के आकार के अनुरूप होने में मदद मिलती है।, जिससे योनि आसानी से फैल या सिकुड सकती है। संभोग के समय योनि का यही लचीला और गीलापन स्त्री को यौन सुख का एहसास कराता है और उसे दर्द से बचाता है।
योनि की एक्सरसाइज
पेशाब करते समय çस्त्रयां अपनी मांसपेशियों को सिकोडने और छोडने का उपक्रम कर सकती हैं। यह वही मांसपेशियां हैं, जो योनि को कसती हैं। ऎसा करने पर लडकियों को पेशाब की मात्रा एवं गति पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। इससे आगे चलकर शादी होने के उपरांत पति के साथ संभोग के समय यौन सुख हासिल करने में उसे मदद करेगी। इसका उपयोग कर वह पुरूष लिंग पर दबाव बना और छोड सकती हैं, जिससे उनके यौन सुख में वृद्धि होती है।