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इमोशनल अफेयर और हाईटेक होते रिश्ते

Posted by khaskhabar.com
emotional affair

समय के साथ-साथ लोगोे की सोच व जीवन शैली में तेजी से परिवर्तन आ रहे हैं, तभी तो इस हाईटेकलिजी के जमाने में रिश्ते भी हाइटेक होते जा रहे हैं। आज हसबैंड वाइफ को एक दूसरे के साथ से ज्यादा ऑफिस में सहकर्मियों का साथ भाता है, और जब लाइफ लाइन पार्टनर की गैरमौजूदगी में सहकर्मियों के साथ दिल की बात शेयर होने लगती है, तब न चाहते हुए भी एक दूसरे के बीच भावनात्मक संबंध पनपने लगते हैं, जिसका असर जल्द ही उनके वैवाहिक जीवन में नजर आने लगता है। आज इमोशनल अफेयर के केस तेजी से फैल रहें हैं, इसमें विवाहित पुरूष ही नहीं, बल्कि çस्त्रयां भी तेजी से जुड रही हैं। और कहीं न कहीं इमोशनल अफेयर की जडे भावनात्मक असुरक्षा से ही संबंघित हैं। इमोशनल अफेयर जुडने का मुख्य कारण वैवाहिक जीवन में कुछ न कुछ कमी होना ही होता है। हसबैंड वाइफ यही समझते हैं,कि उनका पार्टनर उन्हें और उनकी परेशानियों को नहीं समझ पा रहा है। यही वजह है कि दोनों के मन में ही भावनात्मक असुरक्षा पनपने लगती है।
आखिर क्यों बढ रहे हैं इमोशनल अफेयर-
आज के तनाव भरे माहौल में लोग सुकून के पल तलाशते हैं, खासकर विवाहित पुरूष चाहते हैं, कि घर पहुचकर पत्नी उन्हें पूरी तरह से खुश रखे, लेकिन घर के कामों व ऑफिस के बीच उलझी पत्नी जब ऎसा नहीं कर पाती तो पुरूष भावनात्मक सुख बाहर तलाशने लगते हैं। कई बार विवाहित महिलायें जिनके पति का बाहर किसी महिला के साथ अफेयर चल रहा होता है, खुद को इमोशनली इनसिक्योर पाती हैं, और यह सोचकर कि मैं आत्मनिर्भर और पढी लिखी हंू इसलिए मैं भी अपना जीवन अपनी मर्जी से जी सकती हंू वह भी बाहर ऎसे साथी की तलाश शुरू कर देती हैं, जो उन्हें इमोशनल सिक्योरिटी दे सके। पे्रमी-पे्रमिका से हमेशा तारीफ ही मिलती है। ये हमेशा अहसास कराते हैं कि उनका साथी परफेक्ट हैं उसमें कोई कमी नहीं फिर जीवन साथी से ज्यादा इनका साथ सुहाने लगता है। यही वजह है कि समाज में इमोशनल अफेयर के मामले दिन व दिन बढते ही जा रहे हैं। दांपत्य जीवन से खिलवाड-बहुत से लोग इमोशनल अफेयर में कोई बुराई नहीं मानते, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे सिर्फ भावनात्मक जुडाव होता है न कि शारारिक संबंध बनते हैं, इसलिए वैवाहिक जीवन पर इसका कोई असर नहीं होना चाहिए।
जबकि यह सरासर गलत है, क्योंकि यह एक तरह का फरेब ही , है जो आप अपने जीवन साथी से करते हैं। क्योकि काई भी इंसान अपने आप का दो पाटों में बांटकर यानि शारीरिक रूप से किसी ओर से ओर भावनात्मक रूप से किसी ओर से जुडकर किसी भी रिश्ते को अपना पूर्ण समर्पण नहीं दे सकता। वैवाहिक जीवन तभी सफल है जब आप शतप्रतिशत अपने जीवन साथी के प्रति समर्पित हों।
क्या करें- कहा जाता है कि इंसान को अच्छा बुरा सब उसी के अपने हाथों में होता है। सभी इस बात को भली भांति जानते हैं, कि जीवन में सुख और संतुष्टि सिर्फ और सिर्फ आपका जीवन साथी ही दे सकता है, क्षणभर की संतुष्टि व खुशी भले ही दें, लेकिन संपूर्ण जीवन की खुशी की गारंटी नहीं दे सकते। तो फिर ऎसा क्या किया जाए कि वैवाहिक जीवन में इस तरह के भटकाव की नौबत ही न आए और वैवाहिक जीवन की डोर हमेशा मजबूत बनी रहे तो आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातों क ो- कम्यूनिकेशन गैप वैवाहिक जीवन में खलल पैदा करता है, इसलिए जितना हो सके अपने जीवन साथी से बात करने के लिए वक्त जरूर निकालेे, और अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति भी जरूर करें, जो भी बात दिल में है सब शेयर करें अपने सपने, इच्छाएं कमजारियां।
आपका जीवनसाथी सब कुछ सकारात्मक तरीके से लेगा और आपकी अंदर की नेगेटिविटी को निकालकर आपका आत्मविश्वास बढाएगा। अपने पार्टनर को रोज खास महसूस कराएं इसके लिए जरूरी नहीं कि आप पैसा खर्च कर कोई मंहगा गिफ्ट देकर पार्टनर को खुश रखें, बçथ्ल्क पार्टनर के दिल की बात जानकर उसे अहसास कराएं कि आप उसे इमोशनली पूरा सपोर्ट देंगे। उसके कामों में उसकी मदद करे, उसे पूरी तरह जता दें, कि वो आपके लिए इस दुनिया में बहुत खास है तभी वह भावनात्कम रूप से आप से जुड सकेगा।
एक दूसरे पर ताने मारने से बचें, कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं होता इसलिए एक दूसरे की कमियों पर आपस में एक दूसरे का मजाक न बनाएं। भूलकर भी बाहर वालों के आगे एक दूसरे पर कमेंट न करें। ऎसी बातें पार्टनर के मन में असुरक्षा भर देती हैं। जितना हो सके एक दूसरे के साथ क्वॉलिटी टाइम बितायें, जितना आप एक दूसरे को समझेंगे उतना ही वैवाहिक जीवन को मजबूती मिलेगी। रिश्ता बनाना आसान होता है, लेकिन उसे निभाना मुश्किल होता है।
जब कोई विवाहित विवाहित पुरूष या महिला अपने जीवनसाथी को छोडकर किसी अन्य पुरूष्ा या महिला के साथ भावनात्मक रिश्ता जोडते हैं, तो यह दांपत्य जीवन के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है, क्योंकि ऎसा कदम आपका शादीशुदा जीवन तबाह कर सकता है, इसलिए परेशानी का हल बाहर ढूंढने के लिए भटकने से अच्छा है, कि अपने जीवन साथी को ही अपना हमराज बनाकर रखें। क्योंकि शादी ऎसा रिश्ता है जो तन और मन दोनों का ही समर्पण मांगता है।